. "तुम्हारे लिए". . हाँ आज फिर लिख रहा हूं तुम्हारे लिए .. लिखने की कोशिश कई दिनों से कर रहा था पर पता नही क्यूँ नहीं लिख पा रहा था .. आज कोशिश कर रहा हूँ शायद पूरा लिख सकूँ.. जबसे अपने पसंदीदा अभिनेता के इस दुनिया से जाने की खबर सुनी है मैंने तब से पता नही क्यूँ अजीब सी बेचैनी हो रही है बिल्कुल उस दिन की तरह जब तुम मुझसे अलग हुई थी वो 4- 5 महीनों का वक़्त मेरे लिए 4- 5 सालों के बराबर था.. जब तुम्हे देखा था और तुम पहली नज़र में मेरे दिल मे घर कर गयी थी .. तुम्हारी वो मुस्कान जो मेरे ऊपर बिजली बन गिर पड़ी थी .. तुम हँस रही थी और मैं अपलक तुम्हे देख रहा था... सोचा कि इस डिजिटल जमाने मे तुम्हें मैं चिट्टी लिखूंगा.. पर सोचा हुआ कहा पूरा ही पाता है .. अगर होता तो न मैं आज इस तरह लिखता और न ही लिख पाता ... याद है तुम्हे पिछली बार जब तुम्हारे लिए लिखा था तो कइयो ने तुम्हारे बारे में पूछा मुझसे की कौन है वो खुशनसीब जिसके लिए तुम लिखते हो.. पर तुम थी कहा तुम तो चली गयी थी दूर कहि दूर... वो वक़्त न मेरे वश में था और न ही तुम। तुम जा चुकी थी और मैं किसी से भी तुम्हारे बारे में कुछ भी नहीं...